द्वारका मोड़ की गैंगवार घटना के लाइव वीडियो से पुलिस के दावे की खुली पोल

नई दिल्ली। द्वारका जिले में रविवार दोपहर को नामी गैंगेस्टर मंजीत महल और उसके विरोधी प्रदीप सोलंकी गुट के बदमाशों के बीच हुई गैंगवार घटना का लाइव वीडियो सामने आने से पुलिस की पोल खुल गई है।


दरअसल, बदमाशों के बीच जब गोलीबारी हो रही थी तो उस दौरान कुछ लोग पूरी घटना का वीडियो बना रहे थे। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि वर्ना कार से प्रदीप सोलंकी गुट के तीन बदमाश उतरे और मंजीत महल गुट की रिट्ज कार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगे। इस दौरान रिट्ज कार में बैठे एक बदमाश ने भी गोली चलाई जो सोलंकी ग्रुप के विकास को लगी और वह घटनास्थल पर ही गिर गया। बाद में उसकी मृत्यु हो गई।


इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विकास को गोली लगने के बाद जब पीसीआर के सिपाही नरेश ने मंजीत महल गुट के बदमाशों को ललकारा तो उन बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस जवाबी कार्रवाई में मंजीत गुट के प्रवीण नाम के बदमाश को गोली लगी। बाद में प्रवीण ने भी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।


वायरल लाइव वीडियो में पुलिस द्वारा बताए गए बयान का कहीं कोई नामलेवा नहीं दिखाई देता है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि विकास के गिरने के बाद उसके साथ आए बदमाश रिट्ज कार का गेट को खोलकर करीब 12 गोली चलाते हैं। उसके बाद विकास को एक बदमाश उठाने की कोशिश भी करता है लेकिन उसके नहीं उठने पर वह कार में सवार होकर फरार हो जाता है।


पुलिस अधिकारियों के अनुसार पीसीआर में तैनात नरेश ने बदमाश को गोली मारी, जबकि पूरी वीडियो को देखे तो पुलिसकर्मी लोगों के बीच छुपते नजर आ रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि बदमाश जब बेखौफ होकर गोलियां बरसा रहे थे तो पीसीआरकर्मियों द्वारा सिर्फ मंजीत गुट के सिर्फ प्रवीण को ही गोली क्यों मारी? दूसरे गुट के अन्य लोगों पर जवाबी कार्रवाई क्यों नहीं की? इस बाबत पूछे जाने पर पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस को विकास के पास से भी कोई हथियार नहीं मिला है। उनका कहना है कि बदमाश विकास का हथियार लेकर चले गए। ऐसे में वायरल हुए वीडियो से पुलिस की कहानी पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।